मंगल पाण्डेय एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने 1857 में भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वो ईस्ट इंडिया कंपनी की 19वीं बंगाल इंफेन्ट्री के सिपाही थे। तत्कालीन अंग्रेजी शासन ने उन्हें बागी करार दिया जबकि आम हिंदुस्तानी उन्हें आजादी की लड़ाई के नायक के रूप में सम्मान देता है। भारत के स्वाधीनता संग्राम में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को लेकर भारत सरकार द्वारा उनके सम्मान में सन् 1984 में एक डाक टिकट जारी किया गया। जीवन परिचय संपादित करें मंगल पाण्डेय का जन्म भारत में उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगवां नामक गांव में 30 जनवरी 1831 को एक "ब्राह्मण" परिवार में हुआ था। [1] इनके पिता का नाम सुदिष्ट पांडेय तथा माता का नाम जानकी देवी था। मंगल पाण्डेय, गिरिवर पांडेय एवं ललित पांडेय तीन भाई थे। छोटे भाइयों की संतानों में महावीर पांडेय एवं महादेव पांडेय हुए। जिसमें महावीर पांडेय के एक मात्र पुत्र बरमेश्वर पांडेय ने १९४२ के भारत छोड़ो आंदोलन में बलिया को आजाद करा कर स्वयं कप्तान बन गए थे। मंगल पाण्डेय ब्रह्मचारी "ब्राह्मण" होने के बाद भी ब्रि
Indian History and world history in Hindi and English full Information in detail. India with its cultural heritage