साईंबाबा (जन्म:अज्ञात [2] , मृत्यु: १५ अक्टूबर १९१८) [3] जिन्हें शिरडी साईंबाबा भी कहा जाता है, एक भारतीय गुरु , संत एवं फ़क़ीर के रूप में बहुमान्य हैं। उनके अनुयायी उन्हें सर्वशक्तिमान एवं सर्वव्यापी मानते हैं। जीवन-परिचय जन्म-तिथि एवं स्थान साईं बाबा का जन्म कब और कहाँ हुआ था एवं उनके माता-पिता कौन थे ये बातें अज्ञात हैं। किसी दस्तावेज से इसका प्रामाणिक पता नहीं चलता है। स्वयं शिरडी साईं ने इसके बारे में कुछ नहीं बताया है। [5] हालाँकि एक कथा के रूप में यह प्रचलित है कि एक बार श्री साईं बाबा ने अपने एक अंतरंग भक्त म्हालसापति को, जो कि बाबा के साथ ही मस्जिद तथा चावड़ी में शयन करते थे, बतलाया था कि "मेरा जन्म पाथर्डी ( पाथरी ) के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। मेरे माता-पिता ने मुझे बाल्यावस्था में ही एक फकीर को सौंप दिया था।" जब यह चर्चा चल रही थी तभी पाथरी से कुछ लोग वहाँ आये तथा बाबा ने उनसे कुछ लोगों के सम्बन्ध में पूछताछ भी की। [6] उनके जन्म स्थान एवं तिथि की बात वास्तव में उनके अनुयायियों के विश्वास एवं श्रद्धा पर आधारित हैं। शिरडी साईं बाबा के अवतार माने
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