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LAL BAHADUR SHASHTRI

लालबहादुर शास्त्री  ( जन्म : 2 अक्टूबर 1904  मुगलसराय (वाराणसी)   मृत्यु : 11 जनवरी 1966  ताशकन्द (सोवियत संघ रूस) ),  भारत  के दूसरे प्रधानमन्त्री थे। वह  9 जून   1964  से  11 जनवरी   1966  को अपनी मृत्यु तक लगभग अठारह महीने  भारत के प्रधानमन्त्री  रहे। इस प्रमुख पद पर उनका कार्यकाल अद्वितीय रहा।शास्त्री जी ने काशी विद्यापीठ से शास्त्री की उपाधि प्राप्त की। भारत की स्वतन्त्रता के पश्चात शास्त्रीजी को  उत्तर प्रदेश  के संसदीय सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था।  गोविंद बल्लभ पंत  के मन्त्रिमण्डल में उन्हें पुलिस एवं परिवहन मन्त्रालय सौंपा गया। परिवहन मन्त्री के कार्यकाल में उन्होंने प्रथम बार महिला संवाहकों (कण्डक्टर्स) की नियुक्ति की थी। पुलिस मन्त्री होने के बाद उन्होंने भीड़ को नियन्त्रण में रखने के लिये लाठी की जगह पानी की बौछार का प्रयोग प्रारम्भ कराया।  1951  में, जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में वह अखिल भारत काँग्रेस कमेटी के महासचिव नियुक्त किये गये। उन्होंने  1952 ,  1957  व  1962  के चुनावों में कांग्रेस पार्टी को भारी बहुमत से जिताने के लिये बहुत परिश्रम किया। जवाहरलाल नेहरू  

Kondhana

सिंहगढ़ ,  सिंहगड , (अर्थ :  सिंह  का  दुर्ग ) , भारत   [1]  के  महाराष्ट्र  राज्य के  पुणे  ज़िले में स्थित एक पहाड़ी क्षेत्र पर स्थित एक दुर्ग है जो  पुणे  से लगभग ३० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। दुर्ग को पहले  कोंढाना  के नाम से भी जाना जाता था। यह दुर्ग समुदतल से लगभग ४४०० फूट ऊँचाई पर स्थित हेेै। सह्याद्री के पूर्व शाखा पर फैला भुलेश्वर की 'रांगेवर' यह दुर्ग बना है।दो सीढ़ियों जैसा दिखाई देनेवाला पहाडी सा भाग और दूरदर्शन के लिए खडा किया 'मनोरा' इस कारण पुणे से कही भी वो सबको आकर्षित करता है। पुरंदर, राजगड, तोरणा, लोहगड, विसापूर, तुंग ऐसा प्रचंड मुलुख इस दुर्ग से दिखाई देता है। किले का पहले का नाम 'कोंढाणा' है। पूरा किला आदिलशाही में था। दादोजी कोंडदेव  ये आदिलशहा की ओर से सुभेदार पद पर चुने गए। आगे इ.स. १६४७ में किलेपर अपना लष्करी केंद्र बनाया। आगे  इ.स. १६४९  में शहाजी राजा को छुड़ाने के लिए शिवाजी राजा ने यह किला फिर से आदिलशह को सुपुर्द किया। पुरंदर के तह में जो किले मुगल को दिए उसमें कोंडाना किला भी था। मुगलोंकी तरफ से उदेभान राठोड यह कोंडाना का अधिकार

A. P. J. Abdul Kalam

अबुल पाकिर जैनुलअब्दीन अब्दुल कलाम मसऊदी  ( अंग्रेज़ी :  A P J Abdul Kalam Masoodi ), (15 अक्टूबर 1931 – 27 जुलाई 2015) इन्हे मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के नाम से जाना जाता है, भारतीय गणतंत्र के ग्यारहवें निर्वाचित राष्ट्रपति थे। [2]  वे  भारत के पूर्व राष्ट्रपति , जानेमाने  वैज्ञानिक  और  अभियंता  (इंजीनियर) के रूप में विख्यात थे। उन्होंने सिखाया जीवन में चाहें जैसे भी परिस्थिति क्यों न हो पर जब आप अपने सपने को पूरा करने की ठान लेते हैं तो उन्हें पूरा करके ही रहते हैं। अब्दुल कलाम मसऊदी के विचार आज भी युवा पीढ़ी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। ए॰ पी॰ जे॰ अब्दुल कलाम मसऊदी भारत के 11वें  राष्ट्रपति पदस्थ कार्यभार ग्रहण  25 जुलाई 2002 प्रधान  मंत्री अटल बिहारी वाजपयी मनमोहन सिंह उपराष्ट्रपति कृष्ण कान्त भैरोंसिंह शेखावत पूर्व अधिकारी के॰ आर॰ नारायणन उत्तराधिकारी प्रतिभा देवीसिंह पाटिल जन्म 15 अक्टूबर 1931 रामेश्वरम , रमानाथपुरम जिला,  ब्रिटिश राज  (मौजूदा  तमिलनाडु ,  भारत ) मृत्यु 27 जुलाई 2015 (उम्र 83) [1] शिलोंग ,  मेघालय ,  भारत विद्या अर्जन सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल